जनता को नकली रेमडेसिविर बेच रहे थे जबलपुर के VHP चीफ, FIR हुई तो गायब हो गए
जबलपुर शहर के विश्व हिंदू परिषद अध्यक्ष सरबजीत सिंह मोखा FIR दर्ज होने के बाद से ही फरार हैं.
सरबजीत सिंह मोखा. जबलपुर में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के सिटी प्रेसिडेंट हैं. शहर में ही एक सिटी अस्पताल है. मोखा उसके मालिक भी हैं. मोखा के दो साथी हैं, उनके मैनेजर देवेंद्र चौरसिया और फार्मा कंपनियों की डीलरशिप चलाने वाले स्वपन जैन. इन तीनों पर अपने अस्पताल में भर्ती मरीजों को फर्जी रेमडेसिविर (Remdesivir) बेचने का आरोप है. बता दें कि रेमडेसिविर कोरोना वायरस इंफेक्शन के इलाज में यूज़ हो रही ज़रूरी दवाओं में से एक है.
जबलपुर के एडिशनल एसपी रोहित केशवानी ने कहा,
“आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 274 (दवाओं में मिलावट), 275 (मिलावटी दवा की बिक्री), 308 (गैर इरादतन हत्या), 420 (धोखाधड़ी) और डिजास्टर मैनेजमेंट ऐक्ट और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स ऐक्ट की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है.”
पुलिस के मुताबिक, स्वपन जैन को सूरत पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वहीं मोखा और चौरसिया फरार चल रहे हैं
इंडिया टुडे के हेमेंदर शर्मा ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि मोखा राज्य सरकार के एक सीनियर मंत्री के बेटे के संपर्क में थे. उन्होंने इंदौर से 500 फेक रेमडेसिविर मंगवाए और अपने अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिवारवालों को बेच दिए. एक-एक नकली रेमडेसिविर 35 से 40 हज़ार रुपये में बेची गई.
मामला सामने आने के बाद कांग्रेस ने इसे फर्जी रेमडेसिविर घोटाले से जोड़ा है. उस मामले में नमक और ग्लूकोज़ से एक लाख फर्जी रेमडेसिविर बनाकर पूरे देश में भेजने का आरोप है. मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद विवेक तनखा ने इसे लेकर ट्वीट किया था
CBI को यह मल्टी स्टेट #RemdesivirScam सौंपा जाये. 3000 इंदौर आए और 3500 जबलपुर भी भेजे गए. दिल्ली , राजस्थान, छत्तीसगढ़ भी भेजे जाने की बात सामने आई है
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