बेशर्मी की हद कब की पार कर गई नीतीश सरकार पता भी नहीं चला
S.Shot - kashish news
दरअसल नीतीश कुमार और मंगल पांडे की जोड़ी ने सूबे के स्वास्थ्य विभाग को वेंटिलेटर पर पहुंचा दिया परिणाम पूरे राज्य की जनता भुगत रही / जब देश के प्रधानमंत्री ने कोरोना के संक्रमण बढ़ने के कारण देश में लॉकडाउन लगा दिया था तब भी हमारे बिहार के मुख्यमंत्री ने 50 लाख से अधिक बिहार के भाई बहन जो प्रवासी मजदूर बनकर दूसरे राज्यों में काम करते हैं उनकी चिंता नहीं की / अपने चुनाव की तैयारियों में लगे रहे
मजदूर 13 सौ किलोमीटर 14 सौ किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर आए / लेकिन फिर परिजनों को दाने दाने का मोहताज देखकर प्रवासी मजदूर बनकर इस कोरोना वायरस संक्रमन में ही दूसरे राज्यों में जाने को मजबूर हो गए
नीतीश सरकार ने चुनाव से पहले 19 लाख लोगों को रोजगार देने का वादा किया था / वादा तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का किया था / उन्होंने तो 15 लाख रुपए हर भारतीय के खाते में आने की उम्मीद भी जगा दी थी / हालत यह है कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे भीतर अस्पताल का निरीक्षण करते हैं और बाहर सड़क पर एक मरीज तड़प तड़प कर मर जाता है / सिर्फ इस इंतजार में कि मंत्री जी हॉस्पिटल से निकलेंगे तो उसको दाखिला दिया जाएगा /
अब नीतीश कुमार कह रहे हैं कि जो प्रवासी मजदूर दूसरे राज्य में हैं वह अगर वापस आना चाहे तो जल्दी वापिस आ जाएं / मतलब कि फिर से लॉक डाउन होने की संभावना है / लेकिन मजदूर जो पैदल चलकर घर आए और यहां पर अपने परिजनों को भूखे देख कर वापिस लौट गया / वापिस जाने के लिए ब्याज पर महाजन से रुपैया लेकर ₹7000 का टिकट कटा कर पंजाब महाराष्ट्र..
पहुंचा है उसे मुख्यमंत्री जी बिना कुछ सोचे समझे तुरंत वापस लौट आने की सलाह दे रहे जैसे कि मुख्यमंत्री जी ने यहां बहुत व्यवस्था औऱ रोजगार सृजन करके रखा है