Wednesday, April 14, 2021

गरीबों से लूट में नम्ब 01 पर सबसे अव्वल साबित हुई स्टेट बैंक ऑफ इंडिया

   

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) सहित अन्य बैंकों द्वारा गरीबों के खून लगातार चूसे जाने का मामला सामने आ रहा जी हां विभिन्न विभिन्न बैंकों में गरीबों का जीरो बैलेंस पर अकाउंट खुलवाने वाले महान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की “गरीब मुक्त भारत” बनाने के सोच का नतीजा है 

0 बैलेंस वाले खातों में कुछ सेवाओं के लिए अत्यधिक शुल्क की वसूली की जा रही है एसबीआई में बीएसबीडीए खाताधारकों पर 4 ट्रांजेक्शन के बाद प्रत्येक निकासी लेनदेन पर ₹17.70 का शुल्क भुगतान में लिया जा रहा , यह खुलासा आईआईटी मुंबई के द्वारा किए गए एक अध्ययन से सामने आया है /


रिपोर्ट में बताया गया है कि 2015 से 2020 के बीच SBI में 12 करोड़ बीएसबीडी खाता धारक थे / खाताधारकों पर सर्विस टेक्स्ट लगाकर तकरीबन 300 करोड़ रुपए से अधिक रुपये जमा किये हैं देश का सबसे बड़ा दूसरा सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक के बीएसबीडी खातों की संख्या 3 9 करोड़ है बैंक में इस अवधि में 9.9 करोड़ जुटाए हैं

आईआईटी मुंबई के प्रोफ़ेसर आशीष दास ने बताया कि इसके जरिए एसबीआई ने प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत अपने कर्तव्यों का घोर उल्लंघन किया है और छोटे खाताधारक जो गरीब हैं मजदूर हैं किसी तरह जिंदगी बसर कर थोड़े से पैसे बचत खाता में रखते है. यहां तक कि NEAFT , IMPS , यूपीआई , भीम यूपीआई , डेबिट कार्ड जैसे लेनदेन पर भी 17.70 शुल्क वसूला जा रहा है 

एक तरफ देश के प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया का प्रचार करते हैं वहीं दूसरी तरफ बैंक इतना सरचार्ज लगा कर लूट रहा 

IIT बॉम्बे ने कहा कि RBI में शिकायत किया गया पर कोई परिणाम नही निकला ,जबकि RBI के तय मापदंड एवं कानून के तहत बैंकों द्वारा वसूली जा रही रकम पुर्णतः अनैतिक अमानवीय असंवैधानिक है पर इतने के बाद भी रिजर्व बैंक बैंकों के द्वारा हो रही लूट पर चुप है 

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