Tuesday, April 13, 2021

आज के ही पावन दिन में गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की नींव रखी गई थी

आज के ही दिन 13 अप्रैल 1699 को दशमेश गुरु श्री गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी 


सिख धर्म के ऊपर अन्य धर्मों और सरकारी नुमाइन्दो के वार लगातार बढ़ गए थे / सरकार को गलत खबरें दे कर के कट्टरवाद के अनुयायियों ने गुरु अर्जुन देव जी को मौत की सजा दिलवा दी। जब गुरु अर्जुन देव, को बहुत दुःख दे कर शहीद कर दिया गया तो गुरु हरगोबिन्द जी ने तलवार उठा ली। यह तलवार सिर्फ आत्म रक्षा और आम जनता की बेहतरी के लिए उठाई थी

गुरु हरगोबिन्द जी के जीवन में उन पर लगातार हमले हुए और सतगुरु हरि राए पर भी एक हमला हुआ। गुरु हरि कृष्ण को भी बादशाह औरंगजेब ने अपना अनुयायी बनाने की कोशिश की।


गुरु तेग़ बहादुर का क्रुर इस्लामिक शासक औरंगजेब ने हत्या कर दिया, क्योंकि औरंगजेब कट्टर इस्लाम था , वह सभी गैर-इस्लामिको से घृणा करता था । गुरु तेगबहादुरजी ने गैर-इस्लामो पर होने वाले अन्याय तथा अत्याचार का विरोध किया । इसलिए औरंजेब ने गुरुतेगबहादुर को बंदी बनाया तथा उनकी बेरहमी से सर काटकर हत्या कर दी । उसके बाद औरंगजेब के इस्लामिक अहलकारों ने धर्म के बढते प्रचार व अनुयायियों की भारी संख्या को इस्लाम के लिए खतरा समझना शुरु कर दिया और वो इसके विरुद्ध एकजुट हो गए। इस बीच गुरु गोबिंद सिंह ने कुछ बानियों की रचना की जिस में इस्लाम के खिलाफ सख्त टिप्पणियाँ थी।


उपरोक्त परिस्थितयों तथा औरंगजेब और उसके नुमाइंदों के गैर-मुस्लिम जनता के प्रति अत्याचारी व्यवहार को देखते हुए धर्म की रक्षा हेतु जब गुरु गोबिंद सिंह ने सशस्त्र संघर्ष का निर्णय लिया तो उन्होंने ऐसे सिखों (शिष्यों) की तलाश की जो धर्म विचारधारा को आगे बढाएं, दुखियों की मदद करें और ज़रुरत पढने पर अपना बलिदान देनें में भी पीछे ना हटें|



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