Monday, June 7, 2021

क्या राजीव दीक्षित की मौत रामदेव प्रायोजित हत्या थी ❓

 

राजीव दीक्षित की मृत्यु हत्या थी या हार्ट अटैक ?निरुत्तर है यह सवाल ❗❗


राजीव दीक्षित एक ऐसा नाम जिसने रामदेव को कई चीजों से साक्षात्कार कराया जैसे ब्लैक मनी स्वदेशी अभियान

राजीव दीक्षित के ही कारण भारत स्वाभिमान ट्रस्ट की नींव पड़ी और यह विचारधारा राजीव दीक्षित की ही थी जिसे लेकर रामदेव ने पतंजलि को “पतितंजलि” बनाया और स्वयं योग गुरु रामदेव तुरंत लाला रामदेव बन गए


दर्शनशास्त्र के ज्ञाता राजीव दीक्षित जी जो एक शोधक अद्वितीय विद्वान अच्छे व्याख्याता वक्ता आयुर्वेद और प्राचीन संस्कृति के प्रचारक थे 

अगर वो जिंदा रहते तो अब तक भारत में स्वदेशी और आयुर्वेद का शायद सबसे बड़ा ब्रांड बन चुके होते


कहा जाता है कि शुरुआत में इस शख्स को रामदेव अपने प्रतिद्वंद्वी के तौर पर देखता था लेकिन बाद में रामदेव ने अपनी रणनीति बदली औऱ राजीव दीक्षित को मित्र बनाकर पतंजलि के लिए पूरा इस्तेमाल किया और फिर रामदेव , राम भरत औऱ बालकृष्ण ने मिलकर राजीव दीक्षित को अपने रास्ते से हटा दिया 

देश भर में घूम-घूम कर देशवासियों में स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग के प्रति अलख जगाने वाले स्वदेशी प्रचारक राजीव दीक्षित ने विदेशी हटाओ स्वदेशी आपनाओ का नारा दिया था

जिसके बाद योग गुरु रामदेव के साथ भारत स्वाभिमान ट्रस्ट बनाया जिसके जरिये लाखों लोगों तक स्वदेशी अपनाने का सन्देश पहुंचने में कामयाब रहे


पतंजलि आयुर्वेद एवं भारत स्वाभिमान ट्रस्ट की स्थापना राजीव दीक्षित की ही सोच थी / इस के निर्माण समय से जुड़े कई प्रमुख लोग बताते हैं की पतंजलि की सफलता का परचम लहराने की पटकथा राजीव दीक्षित की ही थी

घटना का व्योरा 

👉 दीक्षित 29 नवंबर 2010 को स्वदेशी उत्पादों के प्रचार के लिए दुर्ग जिले के बेमेतरा में स्वदेशी उत्पादों पर व्याख्यान दिया उसके बाद वह व्याख्यान देने भिलाई जा रहे थे

रस्ते में ही उन्हें बेचैनी होने लगी अनना फानन में सेक्टर 9 स्थित अस्पताल ले जाया गया

हालत में सुधार नहीं होता देख अपोले BSR अस्पताल रेफर कर दिया गया जहां देर रात (1 बजे) उनकी मौत हो गई थी

मौत के बाद आपके  शरीर को विमान से सीधे हरिद्वार भिजवा दिया गया औऱ तभी से सवाल खड़े होने लगे की अस्वाभाविक मौत के बाद पोस्टमार्टम क्यों नहीं कराया गया जबकि राजीव दीक्षित के लाश को देखकर प्रथम दृष्टया ही ऐसा लगता था जैसे उनकी मौत जहर देकर हुई हो

जानकारों के अनुसार पोस्मार्टम से ही मौत की असली वजहों का सही अनुमान लगाया जा सकता था बावजूद इसके राजीव दीक्षित जैसे प्रचारक जिन्होंने न जाने कितनी मल्टीनैशनल कम्पनियों की भद्द पीट दी थी और बड़े बड़े उद्योगपति से दुश्मनी मोल ले रखी थी उस आदमी के मौत के बाद भी पोस्टमार्टम को तबज्जो नहीं दिया जाना बड़ा सवाल था ❓

मौत के बाद शव के अंतिम दर्शन करने वाले लोग कहते हैं कि मौत के बाद राजीव दिखित का चेहरा और होंठ नील दिखाई पड़ रहे थे। अमूमन ऐसा तभी होता है जब मौत जहर से होती है

Youtube 👉 https://youtu.be/I7kpQ8J5OQo


एक बार फिर से मौत की वजह तलाशने की कोशिश के लिए परिजनों एवं राजीव दीक्षित के शुभेच्छुओं का प्रयास जारी है 


लोगों के लगातार मांगों के बीच 2019 लोकसभा चुनाव के बाद एक बार चर्चा में आई थी की PMO के आदेश पर फिर से राजीव दीक्षित के मौत की फाइल खुलने वाली है / लेकिन उसके बाद कोई जानकारी नहीं मिली की फाइल खुली या नहीं / राजीव दीक्षित के बड़े भाई प्रदीप दीक्षित ने जो बातें मीडिया के द्वारा रखी उससे रामदेव की भूमिका निश्चित रूप से हत्यारे के रूप में चिन्हित होती है / जिन्होंने सैकड़ों लोगों के दबाव के बावजूद ना तो अपोलो में मौत के बाद पोस्टमार्टम कराया ना ही तो हरिद्वार में लाश को जलाने से पहले पोस्टमार्टम कराया गया / जबकि इस संबंध में स्वयं राजीव दीक्षित के बड़े भाई ने भी रामदेव से पोस्टमार्टम करवाने की मांग की थी साथ ही रामदेव एवं राजीव दीक्षित के संस्था से जुड़े 50 से अधिक प्रमुख लोगों ने एक प्रार्थना पत्र भी रामदेव को सौंपा था

जिसमें उन लोगों ने कहा था कि उन्हें दीक्षित की लाश देखकर हत्या किए जाने की आशंका है / इसलिए सच को सामने लाने के लिए लाश का पोस्टमार्टम कराया जाए 

पर रामदेव ने हिंदू धर्म की दुहाई देकर पोस्टमार्टम से इंकार कर दिया / देखने वाली बात होगी कि मोदी सरकार अपने प्रचारक रामदेव पर कार्यवाही का साहस जुटा पाएगी या फिर राजीव दीक्षित की मौत का रहस्य रहस्य ही बना रह जाएगा 

इस सरकार से तो उम्मीद करना बेमानी है क्योंकि यह सरकार साधू सन्यासियों के चेहरे के पीछे छुपे शैतानों के बूते ही चल रही है


क्रांतिकारी विचारों वाला वो शख्स राजीव दीक्षित विवादास्पद मौत मर गया औऱ उसके महान विचारों का व्यापार कर अब रामदेव सबसे बड़ा व्यापारी बन गया


Wednesday, May 12, 2021

यूपी में आपको ऑक्सीजन की कमी हो सकती है लेकिन शराब की कमी होने नहीं दी जाएगी

     बेेेवडे पधारो यूूपी

उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से भले ही मरीजों की मौत हो जाए मगर आपको योगी जी के राज में शराब की कमी महसूस होने नहीं दी जाएगी

        

एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां कोरोना रोकने के लिए मीटिंग में व्यस्त हैं, वहीं दूसरी ओर उनके DM शराब की दुकानों को खुलवाने में लगे हुए हैं

लखनऊ में अभी शराब की दुकानें बंद हैं, लेकिन ज्यादातर जिलों में दुकानें खुली हैं। इन दुकानों पर उमड़ी भीड़ कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रही है। लोग झोला भर-भरकर शराब खरीद रहे हैं। ऐसे में यह भीड़ कोरोना संक्रमण का सुपर स्प्रेडर बन सकती है।

यह आलम तब है, जब राज्य में जहरीली शराब पीने से अम्बेडकरनगर आजमगढ़ और बदायूं में 24 लोगों को जान जा चुकी है

दरअसल, शराब विक्रेता वेलफेयर एसोसिएशन ने पिछले दिनों सरकार से कोरोना कर्फ्यू के कारण बंद पड़ी दुकानों को खोलने की मांग की थी

 दुकानें बंद होने से कई जिलों में जहरीली शराब की तस्करी भी बढ़ गई थी

कई जिलों के डीएम के पास शराब की दुकान खोलने के लिए आबकारी विभाग की चिट्‌ठी भी पहुंच गई थी। जिसके चलते योगी सरकार ने प्रदेश में शराब की दुकानों खोलने को लेकर फैसला डीएम पर छोड़ दिया था। वहीं, माना जा रहा है कि राजस्व के नुकसान से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है।


मेरठ की सड़कों पर ऐसा लगने लगा है कि शराब के ठेकों ने कोरोना संक्रमण के कहर को पीछे छोड़ दिया है। शराब के ठेके खुले तो लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। 2 गज की सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर दो इंच का फासला भी नजर नहीं आया। लोग बैग और झोलों में शराब की बोतलें भरकर ले जाते नजर आए। इतना ही नहीं, दिल्ली रोड स्थित शराब के ठेके पर तो दो 
पुलिसकर्मी वर्दी पहने चार-पांच बोतल खरीदते कैमरे में कैद हो गए 

Wine Shop In UP

झांसी में भी डीएम ने शराब की दुकानों को खोलने की इजाजत दे दी है। इसके बाद से तय समय से पहले ही दुकानों के बाहर शौकीनों की कतारें भी नजर आने लगीं। जिले में देसी-विदेशी शराब और बीयर की 374 दुकानें हैं। कोरोना कर्फ्यू के चलते इन सभी दुकानों के शटर बंद हो गए थे। इस दरमियान शराब की कालाबाजारी भी जोरों पर चली तथा नकली शराब के कारोबारियों ने मौके का फायदा उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जबकि, कच्ची शराब का धंधा भी जोर पकड़


पहले छप कर बिकते थे जो अखबार अब बिक कर छपने लगे हैं

Tuesday, May 11, 2021

जिसे गोदी मीडिया ने विलेन बनाया था वो असल में हीरो नहीं सुपर हीरो निकला

पिछले साल की बात है जब कोरोना संक्रमण भारत में अपना प्रभाव डालना शुरू किया था तभी कोरोनावायरस के साथ ही जमात भी जोर शोर से चर्चा में आई थी जिसे गोदी मीडिया ने पूरा खलनायक बना दिया था

तिरुपति शहर में नौ कोविड-19 मरीजों के अंतिम संस्कार में शामिल होने की तैयारी करते जेएमडी गॉस कहते हैं, "पिछले साल कितने लोगों ने हमें कोविड महामारी के लिए जिम्मेदार ठहराया था. अब सब लोग हमारी तारीफ कर रहे हैं."


गॉस तबलीगी जमात के सक्रिय सदस्य हैं. दूसरे सदस्यों के साथ मिलकर उन्होंने तिरुपति यूनाइटेड मुस्लिम एसोसिएशन के तहत COVID-19 जॉइंट एक्शन कमेटी (JAC) बनाई है. इसका काम लोगों के कोविड संबंधी मुद्दों को देखना है, जिसमें अंतिम संस्कार करना भी शामिल है.

कोविड मामलों में तेजी आने के बाद जितना मुश्किल इलाज मिलना हो गया है, उतना ही ज्यादा मुश्किल अंतिम संस्कार भी हो गया है. कुछ परिवार संक्रमण के डर से अपनों का अंतिम संस्कार करने में हिचकिचा रहे हैं. इसके अलावा अनाथ लोगों का क्रिया-कर्म करने वाला कोई नहीं है.


Monday, May 10, 2021

 


जनता को नकली रेमडेसिविर बेच रहे थे जबलपुर के VHP चीफ, FIR हुई तो गायब हो गए

जबलपुर शहर के विश्व हिंदू परिषद अध्यक्ष सरबजीत सिंह मोखा FIR दर्ज होने के बाद से ही फरार हैं.


सरबजीत सिंह मोखा. जबलपुर में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के सिटी प्रेसिडेंट हैं. शहर में ही एक सिटी अस्पताल है. मोखा उसके मालिक भी हैं. मोखा के दो साथी हैं, उनके मैनेजर देवेंद्र चौरसिया और फार्मा कंपनियों की डीलरशिप चलाने वाले स्वपन जैन. इन तीनों पर अपने अस्पताल में भर्ती मरीजों को फर्जी रेमडेसिविर (Remdesivir) बेचने का आरोप है. बता दें कि रेमडेसिविर कोरोना वायरस इंफेक्शन के इलाज में यूज़ हो रही ज़रूरी दवाओं में से एक है.

जबलपुर के एडिशनल एसपी रोहित केशवानी ने कहा,

आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 274 (दवाओं में मिलावट), 275 (मिलावटी दवा की बिक्री), 308 (गैर इरादतन हत्या), 420 (धोखाधड़ी) और डिजास्टर मैनेजमेंट ऐक्ट और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स ऐक्ट की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है.”


पुलिस के मुताबिक, स्वपन जैन को सूरत पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वहीं मोखा और चौरसिया फरार चल रहे हैं


इंडिया टुडे के हेमेंदर शर्मा ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि मोखा राज्य सरकार के एक सीनियर मंत्री के बेटे के संपर्क में थे. उन्होंने इंदौर से 500 फेक रेमडेसिविर मंगवाए और अपने अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिवारवालों को बेच दिए. एक-एक नकली रेमडेसिविर 35 से 40 हज़ार रुपये में बेची गई.


मामला सामने आने के बाद कांग्रेस ने इसे फर्जी रेमडेसिविर घोटाले से जोड़ा है. उस मामले में नमक और ग्लूकोज़ से एक लाख फर्जी रेमडेसिविर बनाकर पूरे देश में भेजने का आरोप है. मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद विवेक तनखा ने इसे लेकर ट्वीट किया था

CBI को यह मल्टी स्टेट #RemdesivirScam सौंपा जाये. 3000 इंदौर आए और 3500 जबलपुर भी भेजे गए. दिल्ली , राजस्थान, छत्तीसगढ़ भी भेजे जाने की बात सामने आई है 


Friday, May 7, 2021

कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए यह अनुष्ठान हो रहा

.   Go Corona Corona Go
कोरोना को भगाना है इसलिए यह धार्मिक अनुष्ठान हो रहा इससे हिंदूवादी सरकार को या पुलिस प्रशासन को कोई दिक्कत नहीं होती है 
मैं तो इतना ही जानता हूं कि विश्व में अगर सर्वाधिक मूर्खों की गणना होगी उसमें भारत एक नंबर पर आएगा / जहां सरकार मंदिर के लिए चंदा मांगती है, सरकार के मंत्री राम मंदिर निर्माण के लिए भीक्षाटन करते हैं /सरकार की प्राथमिकता विस्टा प्रोजेक्ट है जो हजारों करोड़ से बन रही
देश के वर्तमान सरकार की प्राथमिकता कभी भी स्वास्थ , शिक्षा , रोजगार , महंगाई पर नियंत्रण आदि पर नहीं रही 
सरकार श्मसान  कब्रिस्तान , मंदिर मस्जिद , हिंदू मुसलमान गाय गोबर गौमूत्र तक ही रह गई है औऱ देश विनाश की ओर बढ़ता चला गया !!!
#JoBaatHai #MeriBaat #jansanvaad #modileduba

Thursday, May 6, 2021

बिना तैयारी के दावत बांटने वाले फकैत को लोग भगवान बता रहे

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझते भारत की उम्मीदें टीकाकरण पर टँगी है

केंद्र सरकार ने 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए टीकाकरण की अनुमति दे दी है लेकिन मौजूदा हालात में बहुत से लोगों के लिए टीका लगवा पाना मुश्किल हो रहा है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 अप्रैल को यह घोषणा की थी कि एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगनी शुरू हो जाएगी. कोरोना महामारी की दूसरी बड़ी लहर से जूझते भारत के लोगों के लिए यह घोषणा राहत भरी थी / लेकिन एक मई आने से पहले ही यह साफ़ दिखने लगा कि इस टीकाकरण अभियान की तैयारी नहीं हो पाई थी.

30 अप्रैल को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनता से अपील करते हुए कहा कि वे पहली मई से अस्पतालों के बाहर कतारें न लगाएं क्योंकि वैक्सीन की सप्लाई उपलब्ध नहीं हो पाई है.

हैरानी की बात ये थी कि जहाँ एक तरफ़ दिल्ली सरकार वैक्सीन नहीं ख़रीद पाई, वही 30 अप्रैल की शाम दिल्ली के कुछ प्रमुख निजी अस्पतालों ने यह घोषणा कर दी की उन्हें वैक्सीन का स्टॉक मिल गया है और वे एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए टीकाकरण शुरू कर रहे हैं.

एक मई की सुबह होते ही दिल्ली के प्रमुख निजी अस्पतालों के बाहर वैक्सीन लगवाने वालों की लंबी क़तारें लग गईं लेकिन दिन के ख़त्म होते होते पूरे देश में 18 से 44 वर्ष के लोगों में से मात्र 84,599 लोगों को पहली डोज़ लग पाई



Wednesday, May 5, 2021

देश के लिए बहुत बड़ा आंतरिक खतरा ईरानी भाभी का झुमका खो गया

देश के लिए बड़ा खतरा , छाछ भी कभी दही थी का झुमका गिरा रे ...

मोदी सरकार के अहम मंत्री का झुमका गिरने में कहीं चीन पाकिस्तान की साजिश तो नहीं थी , NIA को लगाओ डोभाल किधर...

श्वेता और अंजना, लगे हाथ अपनी तरफ से ये भी बजवाओ

ढूंढो ढूंढो रे साजना मोरे कान का बाला...


भारत का प्रेस इतना फ्री है कि खोजी पत्रकारिता करते हुए कुछ भी खोज रहा है, झुमका ही सही... 

यही सब ढूँढते-ढूँढते लुढ़कते हुए 142वें स्थान पर जा पहुँचा



क्या राजीव दीक्षित की मौत रामदेव प्रायोजित हत्या थी ❓

  राजीव दीक्षित की मृत्यु हत्या थी या हार्ट अटैक ?निरुत्तर है यह सवाल ❗❗ राजीव दीक्षित एक ऐसा नाम जिसने रामदेव को कई चीजों से साक्षात्कार कर...